NOT KNOWN DETAILS ABOUT NAVRATRI

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महाभारत में कर्ण ने श्रीकृष्ण से पूछा?

माना कि मैं तो पतित बहुत हूँ

Hanuman Chalisa is usually a timeless ode to devotion Lord Hanuman is known for his devotion to Lord Ram and is thought of as the embodiment of faith, surrender, and devotion.  

कवि का कहना है कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश लाने का काम करते हैं। पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के भेजे एकता और सद्भावना के संदेश को पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगंध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नहीं करते।

गवालिन मस्तानी, गवालिन दीवानी

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

Hanuman Chalisa was composed by Tulsidas, a 16th-century poet-saint who was also a philosopher and reformer. Tulsidas is additionally renowned as being the composer of Ramcharitmanas for his devotion to Shri Rama.

hanuman ji ki aarti: बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए पढ़ें श्री हनुमान जी की आरती

करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे shri hanuman ji ki aarti ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।

जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।

जन्माष्टमी लाइफ स्‍टाइल वीमेन कॉर्नर

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